शुक्रवार, 29 मई 2009
lafing buddha ka mahtv
जब भी लाफिंग बुद्धाको देखती हूँ स्वत;हंसी आ जाती हैकारन एक ही समझ आता है कियदि खुश रहना है तो मस्त रहो न कपड़ो की चिंता न जेवरों की बस इन keइ तरह रहें हर हालमें खुश भारतीय संस्क्रती में ये कुबेर का रूप हैं यानि धन का देवता जो सम्पूर्ण संसार को धन देता है लेकिन अपने पास कुछ भी नही रखता अर्थात धन मन का होता है आप खुश हैं तो आप धनी हैं अन्यथा धन व्यर्थ है जो मन चंगा तो कठोती में गंगा यह कहावत यहीं से चली है ये स्वयं इस बात का प्रमाण है कि खुशी के लिए धन की आवश्यकता नहीं होती उसके लिए आवश्यकता होती है शुद्ध ह्र्यद्य की यानि ईर्ष्या और द्वेष रहित होने की जो आज के समय मैसम्भव नहीं हो पाताआज व्यक्ति अपने सुख से उतना सुखी नही होता जितने दुसरे के दुख से होता है अत:कुबेर को घर में रख कर भी दुखी रहता है सुखी रहना है तो जलना छोडो सबके सुख में सुखी होना सीखो फिर देखो आप भी लाफिंग बुद्धा की तरह गोल मटोल और खुश हाल हो जायेगें
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